धन, देने से बढ़ता है, क्या यह सच है? एक बार, एक अमीर व्यक्ति अपने पड़ोसी देश में गया। उस रियासत में, कोई गरीब नहीं था। उसे पता चला कि राजा बहुत दिलेर है और अपनी प्रजा को मुंहमांगा दान देता है। यह देखकर, वो राजा के पास गया। सभा चल रही थी, अपना परिचय देते हुए वो बोला- अगर आप अपना धन बचाते रहेंगे, और प्रजा को नहीं बांटेंगे, तो आप अपार संपत्ति के मालिक होंगे।
राजा ने पूछा कितनी संपत्ति, कोई अंदाजा लगा सकते हो। उस आदमी ने कहा- अपार, अपार संपत्ति। राजा ने अपने सिपाहियों को कहा- कि मेरे राज्य में, मेरा एक संदेश फैला दो- कि मुझे एक जरूरी काम के लिए अपार संपत्ति की जरूरत है। सिपाहियों ने राजा की आज्ञा को पूरा किया। थोड़ी ही देर में, राजमहल के सामने पैसों और आभूषणों के ढेर लग गए। पूरी प्रजा, खुशी से राजा की मदद के लिए आगे आई, यह देखकर, वो आदमी हैरान हो गया।
तब राजा ने उसे कहा- अगर मैंने अपना धन, प्रजा के हित के लिए उपयोग नहीं किया होता, तो आज मेरी मदद के लिए कोई आगे नहीं आता। सब मुझसे नफरत करते। लेकिन, सिर्फ एक बार कहा, और मेरी प्रजा ने, अपार संपत्ति मुझे दे दी। यह सुनकर, उस धनी आदमी की आंखें खुल गईं। इसका मतलब यही है कि जो लोग, अपने धन का सदुपयोग करते हैं, उनके साथ हमेशा अच्छा होता है।